देशद्रोही जो भी होगा, बस वह मारा जायेगा, अलगाववाद की बात, दोजख भेजा जायेगा। भारत में रहकर जो चीन पा…
Read more »प्रेम जहाॅं मोम बनकर पिघलता , प्रेम ही बनता कठोर पत्थर है । प्रेम ही दया बनकर है उमड़ता , प्रेम हैव…
Read more »दौर पुराना चिट्ठी का चला गया वह दौर पुराना चिट्ठी का, कुशल यहाँ सब, लिखना चिट्ठी का। माँ ठीक है पर …
Read more »जाने तुमने क्या कर डाला दर्पण से सम्बन्ध बढ़ गया तन से चुनरी लगी खिसकने पैरों में कम्पन सा बढ़ गया।…
Read more »है ज़रूरत ताक़तों को पहचानने की, जो लड़वा रहे, भाई को भाई के विरूद्ध, घर के भीतर ही अडवा रहे। कर्म …
Read more »स्वस्थ जीवन शैली को लेकर सरस्वती विद्या मंदिर में शिविर का हुआ आयोजन पटना: बुधवार को आयुष मंत्रालय …
Read more »श्री गणेशाय नम: 26 सितम्बर 2024, गुरूवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रह…
Read more »घटनाएं दिखती है काल्पनिक - होती है सच्ची दिव्य रश्मि के उपसम्पादक जितेन्द्र कुमार सिन्हा की कलम से…
Read more »शब्दाक्षर के राष्ट्रीय कार्यक्रम में औरंगाबाद के साहित्यकारों का रहा जलवा राष्ट्रीय साहित्यिक संस्थ…
Read more »विश्व फार्मेसी दिवस गिरीन्द्र मोहन मिश्र रोगों का विनाश कर जीवन में आश देता है फार्मेसी, रोगमुक्त क…
Read more »जयति जय जय भारत वंदन पावन संकल्प विकसित राष्ट्र, उज्ज्वल छवि वैश्विक पटल । स्वस्थ स्वच्छ भारती प्रा…
Read more »पारिजात का जादू रात्रि की चादर ओढ़ लेती है जब धरती, चांदनी में पारिजात करती उसका श्रृंगार। सुवासित …
Read more »मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र जय प्रकाश कुवंर आज कल भारतवर्ष में हिन्दू धर्म और हिन्दू देवी देवता…
Read more »बचपन की यादें क्या हुड़दंग, क्या उमंग, क्या मस्त था बचपन, सतरंगी रंगों से सराबोर था वो बचपन। उछलक…
Read more »ओछी हरकतें ओछी हरकतें बंद करो अब, नहीं तो तुम पछताओगे । प्रेसों पर हमला करने से, नहीं कभी बच पाओगे …
Read more »कुक्कुर बनाम नेता गीता में कह गए कृष्ण. कि ऐसा कलयुग आएगा। भाई ही भाई के रक्त का, खुद प्यासा बन जाए…
Read more »वैदिक गणित मुकेश मिश्र आज के अंक में हम वैसी संख्याओं का पहाड़ा लिखना सीखेंगे जिनका इकाई अंक 9 है। …
Read more »श्री राम का अयोध्या के लिए प्रस्थान डॉ राकेश कुमार आर्य रावण वध, विभीषण राज्याभिषेक और सीता जी की अ…
Read more »पितरों की स्मृति में मार्कण्डेय शारदेय जिस रूप में जहाँ हो, उस रूप में हमारे। पितरो! न भूल सकते, …
Read more »मानव जीवन को उम्मीद पर ही चलना है।। अंधेरी रात सब इस उम्मीद पर काट लेते हैं। क्योंकि अगले सुबह सूर्…
Read more »कभी कभी तो पास हमारे आया भी कीजे। डॉ रामकृष्ण मिश्र कभी कभी तो पास हमारे आया भी कीजे। अपना भी बहुम…
Read more »मानवता कमजोर पडी तो, दानवता बढ जायेगी, दया- धर्म का साथ न होगा, मानवता मर जायेगी। परोपकारी हो अपना …
Read more »यह कैसा संविधान है? जाति धर्म में बाँट रहा जो, सनातन की पहचान को, क्यों स्वीकार किया राष्ट्र ने, ऐस…
Read more »बातें कुछ बातें सीधी होती हैं कुछ उल्टी सीधी होती हैं। कुछ दायें बायें भी होती, कुछ ऊपर नीचे होती ह…
Read more »बेटी बेटियाँ पढ रही हैं, और आगे बढ रही हैं, धरा की बात क्या, गगन तक बढ रही हैं। घर आँगन से विज्ञान …
Read more »भीष्म - प्रतिज्ञा सुनीता सिंह किसी मोड़ पर एक दिन, जो मुझको मिली थी, वह कुछ अलग सी थी। नभ में उड़ते प…
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