माँ केवल जनती है बच्चे, अछूत और ब्राह्मण नही। तुम चाहते हो बने रहना अछूत लाभ व मुफ़्त सुविधाओं के ल…
Read more »कृपा करो मां कल्याणी सुरेन्द्र कुमार रंजन सांवली तेरी सूरत मैया, ममता की तू मूरत मैया। दया तेरी कण …
Read more »अब नहीं चिंता कि द्वारे कौन दस्तक दे गया। डॉ रामकृष्ण मिश्र अब नहीं चिंता कि द्वारे कौन दस्तक दे गय…
Read more »माँ आशीर्वाद दे दो आया हूँ हे माँ तेरी मैं ज्योत जलाने को। दे देना आशीर्वाद तुम अपने हाथो से। आया ह…
Read more »नेहरू युवा केन्द्र संगठन ने स्वच्छता पखवाड़े के अन्तिम दिन पटना सिटी में कार्यक्रम आयोजित किया दिव्…
Read more »मां कालरात्रि को महायोगिनी, महायोगीश्वरी भी कहा जाता है - नवरात्र में सप्तमी को होती है पूजा दिव्य …
Read more »श्री गणेशाय नम: 9 अक्टूबर 2024, बुधवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहेग…
Read more »स्कंदमाता की जय जय जय जग विदित भवानी , तुम्हीं कहलाती दुर्गा महारानी । नवरात्रि नव रूप नित्य तुम हो…
Read more »दया करो मां सुरेन्द्र कुमार रंजन अंबे तेरी कृपा है अपरंपार, नवरात्रि में तू आती सबके द्वार। तेरी कृ…
Read more »गाँधी का सच अ कीर्ति वर्द्धन खोजना शुरू करो, खोजते रह जाओगे, रहस्य हैं अनन्त के, खोजते रह जाओगे। गा…
Read more »यादों का सफर बहुत दूर है तुम्हारे घर से हमारे घर का किनारा। इसलिए हवा के झोके से पूँछ लेते है। रोज …
Read more »धुआँ-धुआँ है सारा मंडल बच कर कौन कहाँ जाए। डॉ रामकृष्ण मिश्र धुआँ-धुआँ है सारा मंडल बच कर कौन कहाँ…
Read more »पइसा अइसन नाच नचवलस। घर दुआर सब कुछ छोड़वलस।। नौकरी के जब से चिंता भइल। गाँव के पुश्तैनी घर पीछे…
Read more »पंचम रूप स्कंदमाता देवी पूजि पद कमल तुम्हारे, नर नारी सब होत सुखारे। आज है माँ पंचम रूप तुम्हारा, स…
Read more »उहे हमनी के सुधरिहें खेत और खलिहान हल और जुआठ सीकड़ न हेंगा दिखा रहे जो बैठ बैठ कर बरगद ,पीपर, पाकड़ …
Read more »शरद के दिन शरद की रातें सुहानी हैं। डॉ रामकृष्ण मिश्र शरद के दिन शरद की रातें सुहानी हैं। मन की कित…
Read more »श्री गणेशाय नम: 8 अक्टूबर 2024, मंगलवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहे…
Read more »ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित- विवाह के लिए कन्याओं द्वारा उपासना - नवरात्र मे…
Read more »आदि शक्ति "माता" जगदम्बा की जय हो लेखक: अवधेश झा महामाया "ब्रह्म" का ही स्वरूप …
Read more »आईने की व्यथा एक बार सभी आइने अपनी उपेक्षा से दुखी होकर मृत्यु लोक से विदा लेकर स्वर्ग लोक में चल…
Read more »दूर जो वसे हैं, इधर आ नहीं सकते हम हैं अनजान,उधर जा नहीं सकते रस्म ए मोहब्बत में खा लिया कसम बार~बा…
Read more »अपना दीपक स्वयं बन जाना है प्रतिध्वनि का प्रतिद्वंद्वी मन मेरा, बन सखा लायेगा नया सवेरा। मिलन वियोग…
Read more »महाष्टमी-विमर्श मार्कण्डेय शारदेय: बार-बार लोग पूछ रहे हैं कि अष्टमी कब है? महाष्टमी का व्रत कब है?…
Read more »राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था 'शब्दवीणा' के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बने मनीलाल बारीक, मनोज कुमार…
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