धनुषकोटि सागर तट से डॉ रामकृष्ण मिश्र रत्नाकर की उछल- कूद क़ो मस्त देखने वाले लोग । अपने चित्र उतरव…
Read more »पति की आयु का व्रत दर्द सहने की अब आदत सी हो गई है। प्यार किया है तो इसे सहना पड़ेगा। कांटो पर चलकर …
Read more »मानवीय- चेतना और संवेदना के पुंज पुरुष थे, डॉक्टर त्रिपाठी:- डॉक्टर विवेकानंद मिश्र गया/ माडनपुर स्…
Read more »श्री गणेशाय नम: 19 अक्टूबर 2024, शनिवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहे…
Read more »पत्रकारों ने विश्वजीत दयाल ग्रामीण एसपी को किया स्वागत| पटना- बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन पटना के…
Read more »श्री गणेशाय नम: 18 अक्टूबर 2024, शुक्रवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा र…
Read more »भर विषाद- कह! हे निषाद --: भारतका एक ब्राह्मण. संजय कुमार मिश्र 'अणु' ------…
Read more »उम्र सडसठ बीत गयी| उम्र सडसठ बीत गयी, अब अड़सठ की बात है, पहले जैसी ही अब भी, शरद पुर्णिमा की रात ह…
Read more »माटी कहता कुम्हार से , तू रोंध रहा आज मोय । मैं भी माटी तू भी माटी , तुझे भी रोंधे होंगे कोय ।। नही…
Read more »कभी सोंचा ही ना था अपनी जरूरतों को पूरी कर, इस कदर बदल जाएंगे लोग, यह तो कभी सोंचा ही ना था। मेरे …
Read more »चांद ने अमृत कहां से पाए ? ये अमृत कहां से पाए चांद मुझे बतला दें। ये अमृत जो बरसाए चांद मुझे बतला …
Read more »एक इशारा बहुत है , इंसान को समझाने के लिए । एक चिनगारी बहुत है , आग लगाने के लिए ।। एक बूॅंद अमृत ब…
Read more »दिल्ली में दीपावली पर पटाखों पर लगाया प्रतिबंध हटाओ! मानिक देशमुख सनातन धर्म रक्षा संघ सनातन धर्म र…
Read more »सर्वोच्च न्यायालय के लाइब्रेरी में रखी गई बदली हुई न्याय की मूर्ति दिव्य रश्मि के उपसम्पादक जितेन्द…
Read more »अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के आजीवन सदस्य धर्म चंद्र पोद्दार ने समिति के अध्यक्ष पर लगाये गंभीर आर…
Read more »क्या पता कल थे कहाँ हम| चितरंजन 'चैनपुरा' क्या पता कल थे कहाँ हम और कल होंगे कहाँ ! हम न हो…
Read more »विभा का भान मार्कण्डेय शारदेय: शरद का चाँद आया है, नया अरमान लेकर। फिजा भी मुस्कराई है, मधुर मुस्का…
Read more »श्री गणेशाय नम: 17 अक्टूबर 2024, गुरूवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा र…
Read more »उकेरे थे शब्द तेरी हथेली पर जो रात के अन्धकार में मैंने, अरमानों की स्याही और ख्वाहिशों की कलम से ल…
Read more »कब तक राम बाहर तलाशें? कब तक राम बाहर तलाशें, कब तक राह निहारें हम, कदम कदम पर रावण बैठे, खुद में र…
Read more »सरकार का जलाल फीका पड़ रहा है, जासूसों का कमाल फीका पड़ रहा है। यूँ ही तो पत्थर नहीं बरसते यात्राओं…
Read more »बाजारवाद मैंने कहा भारतीय संस्कृति मे बेटी के घर का खाना उचित नहीं माना जाता, हमारी परम्परा बहन- बे…
Read more »जो हैं अराजक देश में जो हैं अराजक देश में, सरकार की कृपा उन्हीं पर, अलगाववादी औ’ लफ़ंगे, सरकार की क…
Read more »चित्रगुप्त सामाजिक संस्थान के द्वारा 2 नवम्बर 2024 को होगा भव्य सांस्कृतिक संध्या सह सम्मान समारोह|…
Read more »रिश्ते रिश्ते निभने - निभाने का मोहताज नहीं , मोहजात है वो अच्छे मनोभावों का । तन व मन कड़वाहट का …
Read more »शास्त्रानुसार उत्तम संतान प्राप्ति के लिए आवश्यक नियम सुरेन्द्र कुमार रंजन वास्तव में खनिज, नदी आदि…
Read more »